फूलों से कहीं ज्यादा

फूलों से कहीं ज्यादा

जैसा कि हमने कहा था, लोगों की ना केवल सुंदरता में, बल्कि जीवन काल में भी फूलों से तुलना की जा सकती है:

लोग घास में फूलों की तरह तेजी से मुरझा जाते हैं…

घास सूख जाती है, और इसका फूल गिर जाता है…

यह दुःख की बात है लेकिन सच है, है ना? हमारा जीवन बहुत तेजी से खत्म हो जाता है, यहाँ तक कि बुढ़ापे तक पहुँचने पर भी यह ऐसा ही लगेगा। आप बाइबिल[1], परमेश्वर के शब्द[2] में इसे ऐसे ही वचनों में पा सकते हैं।

प्रकृति का साक्ष्य

परमेश्वर ने फूल बनाये और लोगों को भी। अपने दिल में झांकने पर, आप जान सकते हैं कि वो वहां है। जैसे सभी लोग जान सकते हैं, यहाँ तक कि सुदूर जगहों या पुराने समय में रहने वाले लोग भी[3]। पृथ्वी पर प्रकृति और जीवन की परिस्थितियां संयोग या महा विस्फोट का परिणाम नहीं हो सकती हैं क्योंकि ये बहुत ज्यादा उत्तम हैं।

इसकी किसी ऐसे बॉक्स से तुलना करिये जिसमें सभी आवश्यक स्क्रू, बोल्ट और नट हैं। अगर आप बॉक्स को हिलाते हैं तो क्या आपको एक अच्छे से चलने वाली घड़ी मिल जाएगी? हम यह साबित करने के लिए लम्बी बहस नहीं करेंगे कि परमेश्वर है: प्रकृति परमेश्वर का साक्ष्य है। केवल प्रकृति को देखकर, हर एक व्यक्ति यह समझ सकता है कि कोई परमेश्वर जरूर होगा जिसने इसे बनाया है। परमेश्वर ने स्वर्ग और धरती बनाई[4], यह एक सच्चाई है। उसने मनुष्यों, आपको भी[5], और जानवरों[6] दोनों को जीवन दिया। यहाँ तक कि सबसे छोटे कीड़े और फूल भी इस रचयिता की असाधारण रचनात्मकता और बुद्धिमत्ता को साबित करते हैं।

हाथ बढ़ाइए

कुछ लोग परमेश्वर की उपस्थिति को नकार देते हैं। उन्हें यह भी लग सकता है कि वे उन लोगों से ज्यादा समझदार हैं जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं[7]। या वे मानते हैं कि “कुछ है”, लेकिन यह क्या/कौन है इसका पता लगाने की परवाह नहीं करते हैं[8]। आपके सोचने का तरीका क्या है? अपना दिल सख्त ना बनाएं[9]: बस खोजना शुरू करें[10] और परमेश्वर की ओर हाथ बढ़ाएं, वो भी आपकी ओर हाथ बढ़ाएंगे[11]। उनके लिए आप फूलों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं[12]!

इसपर विचार करिये

यह महान परमेश्वर, हमारा रचयिता आपसे जुड़ना चाहता है! चलिए देखते हैं की परमेश्वर के मन में क्या है[13]!

जारी रखें: प्यासे फूल

ध्यान दें: अवतरण में संख्याएं दी गयी हैं: […]। बाइबिल की संबंधित आयत (NKJV) देखने के लिए नीचे स्क्रॉल करें!

[1]

बोलनेवाले का वचन सुनाई दिया, “प्रचार कर!” मैं ने कहा, “मैं क्या प्रचार करूँ?” सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है। जब यहोवा की साँस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है। घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्‍वर का वचन सदैव अटल रहेगा। यशायाह 40:6-8 HINDI-BSI
 
क्योंकि “हर एक प्राणी घास के समान है, और उसकी सारी शोभा घास के फूल के समान है। घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है, परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था। 1 पतरस 1:24-25 HINDI-BSI
 
[2]
 
तेरा सारा वचन सत्य ही है; और तेरा एक एक धर्ममय नियम सदा काल तक अटल है। भजन संहिता 119:160 HINDI-BSI
 
सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर : तेरा वचन सत्य है।यूहन्ना 17:17 HINDI-BSI
 
उस अनन्त जीवन की आशा पर जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्‍वर ने, जो झूठ बोल नहीं सकता सनातन से की है  तीतुस 1:2 HINDI-BSI
 
इसमें सन्देह नहीं कि भक्‍ति का भेद गम्भीर है, अर्थात् , वह जो शरीर में प्रगट हुआ, आत्मा में धर्मी ठहरा, स्वर्गदूतों को दिखाई दिया, अन्यजातियों में उसका प्रचार हुआ, जगत में उस पर विश्‍वास किया गया, और महिमा में ऊपर उठाया गया। 1 तीमुथियुस 3:16 HINDI-BSI
 
क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई, पर भक्‍त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्‍वर की ओर से बोलते थे।2 पतरस 1:21 HINDI-BSI
 
[3]
 
उसके अनदेखे गुण, अर्थात् उसकी सनातन सामर्थ्य और परमेश्‍वरत्व, जगत की सृष्‍टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं, यहाँ तक कि वे निरुत्तर हैं। रोमियों 1:20 HINDI-BSI
 
उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियाँ सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाई हैं; और उनके ठहराए हुए समय और निवास की सीमाओं को इसलिये बाँधा है, कि वे परमेश्‍वर को ढूँढ़ें, कदाचित उसे टटोलकर पाएँ, तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं। क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसा तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, ‘हम तो उसी के वंशज हैं।’ अत: परमेश्‍वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं कि ईश्‍वरत्व सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। इसलिये परमेश्‍वर ने अज्ञानता के समयों पर ध्यान नहीं दिया, पर अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिसमें वह उस मनुष्य के द्वारा धार्मिकता से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है, और उसे मरे हुओं में से जिलाकर यह बात सब पर प्रमाणित कर दी है।” प्रेरितों 17:26-31 HINDI-BSI
 
[4]
 
आकाश परमेश्‍वर की महिमा का वर्णन कर रहा है; और आकाशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। भजन संहिता 19:1 HINDI-BSI
 
जिस परमेश्‍वर ने पृथ्वी और उसकी सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर, हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता; न किसी वस्तु की आवश्यकता के कारण मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह स्वयं ही सब को जीवन और श्‍वास और सब कुछ देता है। प्रेरितों 17:24-25 HINDI-BSI
 
अत: परमेश्‍वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं कि ईश्‍वरत्व सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। प्रेरितों 17:29 HINDI-BSI
 
[5]
 
मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा। मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ। तेरे काम तो आश्‍चर्य के हैं, और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ। जब मैं गुप्‍त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हड्डियाँ तुझ से छिपी न थीं। तेरी आँखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे। भजन संहिता 139:13-16 HINDI-BSI
 
[6]
 
“पशुओं से तो पूछ और वे तुझे सिखाएँगे; और आकाश के पक्षियों से, और वे तुझे बताएँगे। पृथ्वी पर ध्यान दे, तब उससे तुझे शिक्षा मिलेगी; और समुद्र की मछलियाँ भी तुझ से वर्णन करेंगी। कौन इन बातों को नहीं जानता, कि यहोवा ही ने अपने हाथ से इस संसार को बनाया है। उसके हाथ में एक एक जीवधारी का प्राण, और एक एक देहधारी मनुष्य की आत्मा भी रहती है। अय्यूब 12:7-10 HINDI-BSI
 
[7]
 
मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं। भजन संहिता 14:1 HINDI-BSI
 
मूढ़ ने अपने मन में कहा, “कोई परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं। भजन संहिता 53:1 HINDI-BSI
 
हे यहोवा, तू क्यों दूर खड़ा रहता है? संकट के समय में क्यों छिपा रहता है?भजन संहिता 10:1 HINDI-BSI
 
[8]
 
हे यहोवा, तू क्यों दूर खड़ा रहता है? संकट के समय में क्यों छिपा रहता है?भजन संहिता 10:1 HINDI-BSI
 
[9]
 
तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था। इब्रानियों 3:8 HINDI-BSI
 
जैसा कहा जाता है, “यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय किया था।” इब्रानियों 3:15 HINDI-BSI
 
इसलिये वह किसी विशेष दिन को ठहराकर इतने दिन के बाद दाऊद की पुस्तक में उसे ‘आज का दिन’ कहता है। जैसे पहले कहा गया, “यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो।” इब्रानियों 4:7 HINDI-BSI
 
अपना अपना हृदय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा में, व मस्सा के दिन जंगल में हुआ था भजन संहिता 95:8 HINDI-BSI
 
[10]
 
“माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई माँगता है, उसे मिलता है; और जो ढूँढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।मत्ती 7:7-8 HINDI-BSI
 
तुम मुझे ढूँढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे। यिर्मयाह 29:13 HINDI-BSI
 
[11]
 
परमेश्‍वर के निकट आओ तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा। हे पापियो, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगो, अपने हृदय को पवित्र करो।याकूब 4:8 HINDI-BSI
 
हे परमेश्‍वर, हम तेरा धन्यवाद करते, हम तेरे नाम का धन्यवाद करते हैं; क्योंकि तेरा नाम प्रगट हुआ है, तेरे आश्‍चर्यकर्मों का वर्णन हो रहा है। भजन संहिता 75:1 HINDI-BSI
 
परन्तु परमेश्‍वर के समीप रहना, यही मेरे लिये भला है; मैं ने प्रभु यहोवा को अपना शरणस्थान माना है, जिस से मैं तेरे सब कामों का वर्णन करूँ। भजन संहिता 73:28 HINDI-BSI
 
देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ।प्रकाशितवाक्य 3:20 HINDI-BSI
 
[12]
 
इसलिये यदि तुम सबसे छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्ता करते हो? सोसनों के पेड़ों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं : वे न परिश्रम करते, न कातते हैं; तौभी मैं तुम से कहता हूँ कि सुलैमान भी अपने सारे वैभव में, उनमें से किसी एक के समान वस्त्र पहिने हुए न था। इसलिये यदि परमेश्‍वर मैदान की घास को, जो आज है और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है; तो हे अल्प विश्‍वासियो, वह तुम्हें क्यों न पहिनाएगा? लूका 12:26-28 HINDI-BSI
 
[13]
 
क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं हैं, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है। यशायाह 55:8-9 HINDI-BSI
 
उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा। यशायाह 55:11 HINDI-BSI